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आपको कैसे जानना चाहिए  कहीं वह ‘मम्माज़ बॉय’ तो नहीं

 
रिश्ता

महिलाओं की सबसे बड़ी चिंता होती है कि उनका पति या प्रेमी मम्माज़ बॉय न हो. मम्माज़ बॉय मतलब हर क़दम मां की सलाह से उठानेवाला. हालांकि अगर सास-बहू की पटरी बैठती हो तो इस बात से ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ता. पर यह कड़वी सच्चाई है कि महिलाएं अपने पति या प्रेमी पर पूर्ण अधिकार चाहती हैं.  वह रिश्ते को लेकर बहुत ज़्यादा अनुभवी और मैच्योर भले ही न हो, पर वह बुरा आदमी नहीं है. ऐसे में अगर आप शांति से उसके साथ बैठकर बात करेंगी तो वह आपके नज़रिए को समझेगा. वह अच्छा आदमी है. वह दूसरों की भावनाओं का सम्मान करता है, पर वह इस बात को भी अहमियत देता है कि क्या करना है वह ख़ुद डिसाइड करना बेहतर होता है.

रिश्ता

वह आपसे प्यार करता है. अपनी मां से प्यार करता है. वह जानता है कि आप दोनों को कैसे हैंडल करना है. आप दोनों रिश्ते में बहुत अलग चीज़ें चाहते हैं. इसका यह मतलब यह नहीं कि आपमें से कोई एक सही या ग़लत है. अच्छा होगा कि आप दोनों अपने रिश्ते के बारे में खुलकर बात करें. अपनी पसंद-नापसंद को साझा करें, इसके पहले कि आपके रिश्ते में इतनी दूरी आ जाए, जिसे पाट पाना मुश्क़िल हो जाए. वह मम्माज़ बॉय है! ऐसे में आपके पास सबसे अच्छा विकल्प यह है कि उसके पर्सनल स्पेस में बहुत ज़्यादा दख़लंदाज़ी न करें. हो सकता है कि वह चाहता हो कि आप भी उसकी मां की तरह बनें. आपके लिए अच्छा यह होगा कि उसकी मां की सकारात्मक बातों को अपनाएं. मां से अच्छा रिश्ता सोने पर सुहागा होगा. 

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