Hug Day 2024: जानें क्यों वैलंटाइन्स वीक में मनाया जाता है 'हग डे', क्या है इस दिन का मतलब
लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। वैलंटाइन्स वीक यानी प्यार करने वालों के लिए वो सप्ताह जिसका हर दिन खास होता है। 7 फरवरी को शुरू होने वाला यह वीक 14 फरवरी को वैलंटाइन डे के साथ खत्म होता है। इस रोमांटिक वीक का एक दिन Hug Day होता है, जिसे 12 फरवरी को मनाया जाता है। नाम से ही साफ है कि यह डे खासतौर से प्यारी सी झप्पी को डेडिकेटिड है। लेकिन क्या इस दिन को सेलिब्रेट करने के पीछे कोई खास वजह भी है? चलिए जानते हैं। वैलंटाइन्स वीक के हर दिन का अलग नाम के साथ ही प्यार के अलग-अलग आयामों को छूता है। इसी तरह हग डे भी कपल्स के बीच के प्यार के उस डाइमेंशन को टच करता है जो उनके बॉन्ड को स्ट्रॉन्ग करने और उसमें रोमांस जोड़ने में मदद करता है।
नए रिश्ते में लाता है कंफर्ट
माना जाता है कि किस डे से पहले आने वाला यह हग डे, एक स्टेप है कपल के लिए अपने प्यार को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने का। ऐसे कपल जो रिलेशनशिप के शुरुआती फेज में है उन्हें अक्सर फिजिकल ऑक्वर्डनेस फील होती है। प्यारी सी झप्पी इस प्रॉब्लम को सॉल्व करते हुए कपल को एक-दूसरे की कंपनी में ज्यादा रिलैक्स होने में मदद करती है। हग करना खुद में एक थेरपी है। जब हम किसी को गले लगाते हैं तो कई तरह के भाव आते हैं। यह हमारे अंदर एक-दूसरे के प्रति प्यार, समझ, लगाव को बढ़ाता है। इसके अलावा हगिंग के कई और भी हैरतअंगेज फायदे हैं, जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे।
नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है
जब आप किसी को गले लगाते हैं तो आप उसके नर्वस सिस्टम को बैलेंस करने लगते हैं। स्किन के अंदर छोटे-छोटे अंडे के आकार में प्रेशर सेंसर्स होते हैं जो वेगस नर्व के माध्यम से दिमाग से जुड़े होते हैं। गले लगाने की स्थिति में प्रेशर सेंसर्स पर दबाव पड़ता है जो आगे नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है।
स्ट्रेस लेवल कम होता है
अकसर हम हगिंग को कम करके आंकते हैं। हगिंग से बहुत ही प्रभावी ढंग से और तुरंत तनाव में कमी आती है। जब हम किसी को गले लगाते हैं तो स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल कम हो जाता है जिससे स्ट्रेस कम होता है और दिमाग को शांति मिलती है।
मूड में बेहतरी
जब आप किसी को गले लगाते हैं तो आपके शरीर में सेरोटॉनिन बड़ी मात्रा में बनने लगता है। सेरोटॉनिन एक केमिकल है जो हमारे मूड को बेहतर रखने के लिए जरूरी होता है। इससे आपके अंदर एक नई उत्साह आती है। गौरतलब है कि जो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है या अकेले रहता है, उसके अंदर सेरोटॉनिन का लेवल कम हो जाता है। किसी को हग करने की स्थिति में ब्रेन सेरोटॉनिन और एंडॉर्फिन जैसे केमिकल बड़ी मात्रा में रक्त धमनियों में छोड़ने लगता है जिससे सुखद अनुभव होता है।
हार्ट रेट में कमी
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना-चैपल हिल की एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है हग करने से हार्ट रेट में गिरावट आती है। स्टडी के मुताबिक जिनलोगों ने किसी को गले नहीं लगाया था उनकी हार्ट रेट बहुत तेज यानी 10 बीट्स प्रति मिनट थी जबकि हग करने वालों के अंदर यह स्टैंडर्ड 5 बीट्स प्रति मिनट थी। हार्ट रेट कम रहने से दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
पुराने रिश्ते में नई जान डाले प्यारी सी झप्पी
वहीं शादीशुदा या लॉन्ग टाइम कपल की बात की जाए तो हग डे उन्हें अपनी लव लाइफ में फिर से रोमांस घोलने का मौका देता है। गले लगने पर आपके लव्ड वन को भी आपका अफेक्शन और लव महसूस होता है, जो बॉन्ड को स्ट्रॉन्ग करने में मदद करता है।
सिक्यॉर फील करना
हग लव्ड वन को रिलेशनशिप को लेकर आपके कमिटमेंट और प्यार को महसूस जब करवाती है तो उन्हें रिश्ते में ज्यादा सिक्यॉर भी महसूस होता है। सुरक्षित महसूस करने पर आपसी समझ बेहतर होती है और गलतफहमियों को रिश्ते में जगह नहीं मिल पाती।
हग करने से होते हैं ये 5 हैरतअंगेज फायदे
हग करना खुद में एक थेरपी है। जब हम किसी को गले लगाते हैं तो कई तरह के भाव आते हैं। यह हमारे अंदर एक-दूसरे के प्रति प्यार, समझ, लगाव को बढ़ाता है। इसके अलावा हगिंग के कई और भी हैरतअंगेज फायदे हैं, जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे।
नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है
जब आप किसी को गले लगाते हैं तो आप उसके नर्वस सिस्टम को बैलेंस करने लगते हैं। स्किन के अंदर छोटे-छोटे अंडे के आकार में प्रेशर सेंसर्स होते हैं जो वेगस नर्व के माध्यम से दिमाग से जुड़े होते हैं। गले लगाने की स्थिति में प्रेशर सेंसर्स पर दबाव पड़ता है जो आगे नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है।
स्ट्रेस लेवल कम होता है
अकसर हम हगिंग को कम करके आंकते हैं। हगिंग से बहुत ही प्रभावी ढंग से और तुरंत तनाव में कमी आती है। जब हम किसी को गले लगाते हैं तो स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल कम हो जाता है जिससे स्ट्रेस कम होता है और दिमाग को शांति मिलती है।
मूड में बेहतरी
जब आप किसी को गले लगाते हैं तो आपके शरीर में सेरोटॉनिन बड़ी मात्रा में बनने लगता है। सेरोटॉनिन एक केमिकल है जो हमारे मूड को बेहतर रखने के लिए जरूरी होता है। इससे आपके अंदर एक नई उत्साह आती है। गौरतलब है कि जो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है या अकेले रहता है, उसके अंदर सेरोटॉनिन का लेवल कम हो जाता है। किसी को हग करने की स्थिति में ब्रेन सेरोटॉनिन और एंडॉर्फिन जैसे केमिकल बड़ी मात्रा में रक्त धमनियों में छोड़ने लगता है जिससे सुखद अनुभव होता है।
हार्ट रेट में कमी
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना-चैपल हिल की एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है हग करने से हार्ट रेट में गिरावट आती है। स्टडी के मुताबिक जिनलोगों ने किसी को गले नहीं लगाया था उनकी हार्ट रेट बहुत तेज यानी 10 बीट्स प्रति मिनट थी जबकि हग करने वालों के अंदर यह स्टैंडर्ड 5 बीट्स प्रति मिनट थी। हार्ट रेट कम रहने से दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
क्या कहता है साइंस
वैसे हग करने के बॉडी पर भी पॉजिटिव असर होते हैं। इस तरह के फिजिकल कॉन्टैक्ट से बॉडी में ऑक्सिटोसिन रिलीज होता है जो अकेलेपन, गुस्से जैसी नकारात्मक भावना से लड़ने में मदद करता है। वहीं सेरोटोटिन का लेवल भी बढ़ जाता है मूड को बेहतर बनाते हुए स्ट्रेस को कम करता है।