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कुछ ऐसी मूब्स जो आपके पाचन तंत्र को ठीक रख सकती है 

 
हलत

हमारी आधुनिक जीवनशैली कुछ ऐसी हो गई हैं कि पहले हम अपने शरीर को आराम देने और अच्छा महसूस कराने के नाम पर कुछ आदतें पाल लेते हैं. जैसे-शारीरिक गतिविधियों की कमी, टेक्नोलॉजी का ज़रूरत से अधिक इस्तेमाल, धूम्रपान, शराब का सेवन और खानपान की असेहतमंद आदतें. फिर ये पाली हुई आदतें हमारे शरीर के साथ खेलना शुरू कर देती हैं. इन आदतों का पहला अटैक होता है हमारी पाचन प्रणाली पर. पाचन की समस्याएं, जैसे-अपच, पेट में गैस, पेट फूलना, और कब्ज़ आदि धीरे-धीरे दूसरी बीमारियों के लिए शरीर में रास्ता बनाना शुरू करती है. पेट की बीमारियों के शुरुआती दौर में हम ओटीसी (ओवर द काउंटर) दवाइयां लेते हैं.

हलत

भारतीय रसोई में खाने को ख़ुशबूदार बनाने के लिए सामान्य तौर पर प्रयोग होने वाली सोंठ की गंध तीखी होती है और खाने में इसका प्रभाव उष्ण होता है. व्यंजनों को सजाने और ख़ुशबू देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली काली मिर्च, भारत में इस्तेमाल होने वाला एक सामान्य मसाला है. काली मिर्च में पिपराइन नामक कंपाउंड होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करता है. काली मिर्च से पित्त रस यानी बाइल एसिड्स का स्राव बेहतर बनता है, जिससे भोजन के ब्रेकडाउन में आसानी होती है. काली मिर्च पाचन तंत्र से गैस भी बाहर करती है और इसलिए पेट फूलने, डकारें आने आदि में भी लाभप्रद है.तीन औषधीय फलों-आंवला, हरीतकी, बिभीतकी का एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक मिश्रण त्रिफला, अपने स्वास्थ्य संबंधी फ़ायदों के लिए जाना जाता है.माउथ फ्रेशनर के रूप में सामान्यतः इस्तेमाल की जाने वाली सौंफ के अनेक पाचक औषधीय गुण होते हैं. सौंफ एंटीस्पाज़्मोडिक (मरोड़ कम करना) असर करती है जिससे आंतों की संकुचित पेशियों को आराम मिलता है. शंख से निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा शंखभस्म भूख और पाचन में सुधार करती है,

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