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क्या आपको लगता है ज़्यादा पसीना से ज्यादा weight loss होता है 

 
फिय

वज़न का बोझ हमारे शरीर से ज़्यादा हमारे दिमाग़ पर होता है. हर वह व्यक्ति, जिसका वज़न उसके शरीर के आदर्श वज़न से कुछ किलो अधिक होता है, वह अपना वज़न कम करने की जुगत में लगा रहता है. वज़न कम करने के लिए घरेलू नुस्ख़ों से लेकर, क्रैश डायट तक भी आज़मा चुका होता है. और इन सभी से निराश होने के बाद बढ़ता है, व्यायाम की तरफ़. जिम में जाकर इंस्ट्रक्टर के निर्देश पर घंटों पसीना बहाता है.एक्सरसाइज़ के बाद हम जिस पसीने से भीगे रहते हैं, वह हमारे शरीर में कोई विज़िबल चेंन नहीं लाता तो इतना थक कर क्या मतलब? ज़ाहिर है यह सवाल हमारे मन में आएगा ही. देखिए यहां गड़बड़ी हमारी सोच में है, पसीने का फ़ैट कम करने से कोई नाता नहीं है.

फिट

विज्ञान की दृष्टि से देखें तो पसीना हमारे शरीर को ठंडा रखने के लिए बनाया गया तरीक़ा है. जब आप जमकर एक्सरसाइज़ करते हैं, वेट लॉस का संबंध शरीर के कुल वज़न में आने वाली कमी से है, मसलन-मसल, वॉट और फ़ैट लॉस मिलाकर वेट लॉस होता है. वहीं फ़ैट लॉस का मतलब होता है,अगर आप अपने शरीर का एनालसिस करेंगे तो पाएंगे कि शरीर में तीन तरह के फ़ैट्स होते हैं. पहला प्रकार है सबक्यूटैनियस फ़ैट का, जो हमारी त्वचा के ठीक नीचे होता है.जब आप जिम में एक्सरसाइज़ करते हैं या घंटों सौना में बैठे-बैठे पसीना बहाते हैं तो भले ही आपको लग रहा हो कि फ़ैट लॉस कर रहे हैं, पर असल में ऐसा हो नहीं रहा होता. आपका शरीर कैलोरी बर्न करता हैज़्यादातर वेट लॉस प्रोग्राम्स आपको कुछ ही हफ़्तों में ज़्यादा से ज़्यादा वज़न कम कराने की गैरेंटी देते हैं. पर आपको यह समझना होगा कि हमारे शरीर के वज़न कर ज़्यादातर हिस्सा पानी और मसल्स का होता है

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