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ये है दुनिया की सबसे गर्म जगह, जहां मोम की तरह पिघलने लगते हैं गाड़ियों का टायर

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में इन दिनों गर्मी है। वहीं मई और जून के महीनों में तापमान लगभग पूरे भारत में 45 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तक पहुंच जाता है, जिससे लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में गर्मी दुनिया के सबसे गर्म स्थानों की तुलना में कुछ भी नहीं है क्योंकि ये इलाके इतने गर्म हो जाते हैं कि वाहनों के टायर मोम की तरह पिघलने लगते हैं। आज हम आपको दुनिया की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे गर्म जगह मानी जाती है। जहां इतनी गर्मी होती है कि वाहनों के पहिए मोम की तरह पीछे पड़ जाते हैं। आज हम आपको दुनिया की कुछ सबसे हॉट जगहों से रूबरू कराएंगे।

धरती के बढ़ते तापमान ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। धरती का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है, वहीं बारिश न होने से हालात और खराब हो गए हैं। हमारे देश को तापमान की वजह से भले ही गर्म माना जाता हो, लेकिन दुनिया में कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां तापमान इतना बढ़ जाता है कि गाड़ियों के टायर भी पिघल जाते हैं. आज हम आपको दुनिया की कुछ सबसे हॉट जगहों से रूबरू कराएंगे।

डेथ वैली, अमेरिका

कैलिफोर्निया के मोजावे रेगिस्तान में स्थित डेथ वैली उत्तरी अमेरिका के सबसे शुष्क और सबसे गर्म क्षेत्रों में से एक है। समुद्र तल से बहुत नीचे होने के कारण यहाँ बहुत गर्मी होती है। जुलाई 1913 में यहां का तापमान 56.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो अब तक का रिकॉर्ड तापमान है। यहां का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस है।

फ्लेमिंग माउंटेन, झिंजियांग, चीन

चीन के झिंजियांग में तियान शान पर्वत श्रृंखला में फ्लेमिंग माउंटेन भी हॉट स्पॉट में से एक है। साल 2008 में यहां समुद्र की सतह का तापमान 66.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। यह उस वर्ष पृथ्वी पर अब तक का सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया था।

क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया को दुनिया का सबसे शुष्क महाद्वीप कहा जाता है। 'बैडलैंड्स' के नाम से मशहूर क्वींसलैंड आउटबैक यहां का एक बड़ा रेगिस्तान है। साल 2003 में भीषण सूखा पड़ा था। उस वक्त यहां का तापमान 69.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।