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गंगा के घाट से लेकर प्राचीन महलों तक, देश के सबसे पुराने शहर वाराणसी में नहीं देखी ये जगहें ता क्या देखा

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। उत्तर प्रदेश की काशी नगरी को कौन नहीं जानता। काशी देश का सबसे पुराना शहर होने के साथ ही यूपी का मशहूर पर्यटन केंद्र भी माना जाता है। इस वजह से काशी यानी वाराणसी में साल भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। ऐसे में अगर आप वाराणसी शहर घूमने जा रहे हैं तो आप कुछ जगहों पर जाकर अपनी यात्रा को बेहतरीन बना सकते हैं। वाराणसी को मंदिरों का शहर कहा जाता है। दूसरी ओर गंगा के किनारे बसा बनारस अपने खूबसूरत घाटों और अनूठी संस्कृति के लिए दुनिया भर में मशहूर है। ऐसे में अगर आप भी वाराणसी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ जगहों पर जाकर इस ट्रिप को खास और यादगार बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं वाराणसी में घूमने की कुछ मशहूर जगहों के बारे में।

काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, वाराणसी में गंगा नदी के तट पर स्थित है। करीब 3-5 हजार साल पुराना यह मंदिर आज भी भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। वहीं, हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं।

अस्सी घाट
वैसे तो वाराणसी में कई घाट हैं। लेकिन बनारस के कुछ घाट अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। अस्सी घाट भी वाराणसी के प्रसिद्ध घाटों में से एक है। जिसका उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। वाराणसी की यात्रा के दौरान, आप न केवल अस्सी घाट पर सुबह में आयोजित होने वाली शानदार गंगा आरती में शामिल हो सकते हैं, बल्कि गंगा के किनारे बैठकर सुंदर सूर्योदय और सूर्यास्त भी देख सकते हैं।

दशाश्वमेध घाट
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने वाराणसी के इस घाट पर दश अश्वमेध यज्ञ किया था। इस वजह से दशाश्वमेध घाट को आज भी बनारस का पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। वहीं दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन शाम को होने वाली भव्य आरती का नजारा लोगों का दिल जीत लेता है।

संकटमोचन हनुमान मंदिर
वाराणसी में अस्सी घाट के पास संकटमोचन हनुमान मंदिर भी भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। मंदिर का निर्माण 1900 में पंडित मदन मोहन मालवीय ने करवाया था। विशेष रूप से मंगलवार को बनारस जाने वाले भक्तों में संकटमोचन हनुमान मंदिर में जाकर लड्डू चढ़ाने की परंपरा है।

रामनगर किला
वाराणसी में तुलसी घाट के पास स्थित रामनगर किला भी बनारस के इतिहास का गवाह माना जाता है। इस किले का निर्माण राजा बलवंत सिंह ने 1750 में बलुआ पत्थर से करवाया था। शाही निवास के अलावा, रामनगर किले में वेद व्यास मंदिर और एक प्रसिद्ध संग्रहालय भी है।