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भारत के इस अनोखे गांव में जमीन नहीं बल्की पेडों पर रहते है लोग, कारण जानकर रह जाऐंगे हैरान

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। आप सभी ने किसी पेड़ पर चिड़िया का घोंसला जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी पेड़ पर किसी आदमी का घर देखा है? क्या आपने कभी किसी इंसान को ज़मीन छोड़कर पेड़ पर रहते देखा है? अगर नहीं तो आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां लोग जमीन पर नहीं बल्कि पेड़ों पर रहते हैं। यह कहानी बिहार के सबौर प्रखंड के शानतनगर बगडेर बगीचा की है। यहां यह गार्डन किसी पक्षी या पक्षी के लिए नहीं बल्कि इंसानों के घोंसलों के लिए जाना जाता है।

पेड़ों पर रहने का क्या कारण है?
लोग बगीचे के पेड़ों में रहते हैं इसका कारण शौक या आनंद नहीं है। बल्कि आप भी इन लोगों की पीड़ा सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे. दरअसल, जब भी बारिश होती है तो पूरे जिले में बाढ़ आ जाती है। ऐसे में कटाव के कारण घर के मकान बाढ़ के पानी में डूब गये हैं. गंगा से घिरा गांव, ऐसे में लोगों का घर छिन गया है.

बाबूपुर की बात करें तो ये रजनीपुर एक बहुत बड़ा गांव था. लेकिन धीरे-धीरे यह गंगा नदी में समा गया। इसके बाद लोग शांतनगर में आकर रहने लगे। यह क्षेत्र निचले स्तर पर होने के कारण बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूबा हुआ है। जिसके कारण यहां के लोगों का जीवन काफी कठिन हो जाता है।

15 साल से लोग इसी तरह जी रहे हैं
स्वाभाविक तौर पर ये सब सुनकर आप भी हैरान हो गए होंगे. लेकिन पिछले 15 सालों से इन लोगों की जिंदगी ऐसे ही चल रही है. हर साल ये लोग अपना नया घर बनाते हैं और इनके घर बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं. परिणाम यह हुआ कि उनके पास न तो भोजन है और न ही वस्त्र। ऐसे में ये लोग हर साल नया घर बनाकर अपना जीवन यापन करते हैं.