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Vastu Tips: वास्तु अनुसार बाथरूम और टॉयलेट को क्यों नहीं होना चाहिए एक साथ, जानिए

 
Vastu Tips: वास्तु अनुसार बाथरूम और टॉयलेट को क्यों नहीं होना चाहिए एक साथ, जानिए

वास्तुशास्त्र व्यक्ति के जीवन और घर से जुड़ा माना जाता हैं। अधिकतर घरों में स्नानघर और शौचालय एक साथ होता हैं। मगर इनका एक साथ होना वास्तुदोष उत्पन्न करता हैं इस दोष के कारण परिवार के सदस्यों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैंघर की सुख, शांति, समृद्धि और वहां के निवासियों के स्वास्थ्य को प्रभावित होती हैं साथ ही साथ बच्चों के करियर और पारिवारिक रिश्ते भी खराब हो सकते हैं पति पत्नी और परिवार के अन्य लोगों के बीच हमेशा मन मुटाव और वाद विवाद बना रहता हैं तो आज हम आपको वास्तु नियम के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

वास्तुशास्त्र के प्रमुख ग्रंथ विश्वकर्मा प्रकाश में बताया गया है कि पूर्वम स्नान मंदिरम यानी भगन के पूर्व दिशा में स्नानगृह होना चाहिए। शौचालय की दिशा के विषय में विश्वकर्मा कहते हैं या नैऋत्य मध्ये पुरीष त्याग मंदिरम यानी दक्षिण और नैऋत्य दिशा के बीच में मल त्याग का स्थाना होना चाहिए। वास्तु के मुताबिक दक्षिण दक्षिण पश्चिम दिशा को विसर्जन के लिए अच्छा माना जाता हैं इस दिशा में टॉयलेट का निर्माण करना वास्तु के अनुसार अच्छा माना जाता हैं।

बाथरूम और टॉयलेट एक दिशा में होने से वास्तु का यह नियम भंग होता हैं घर में नकारात्मक शक्ति की वृद्धि होती हैं वास्तु अनुसार स्नानघर में चंद्रमा का और शौचालय में राहु का वास होता हैं अगर किसी घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ हैं तो चंद्रमा और राहु के एक साथ होने से चन्द्रमा को राहु का ग्रहण लग जाता हैं जिससे चंद्रमा दोषपूर्ण हो जाता हैं।

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