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बच्चों में जापानी इंसेफलाइटिस की बीमारी का खतरा, इसके लक्षणों को पहचानकर करें बचाव

 
बच्चों में जापानी इंसेफलाइटिस की बीमारी का खतरा, इसके लक्षणों को पहचानकर करें बचाव

बारिश के मौसम में मच्छरों के कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी कई घातक बीमारियों का संक्रमण बढ़ जाता है।ऐसे में इस मौसम में बच्चों में एक दुर्लभ बीमारी जापानी इंसेफलाइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है।यह भी मच्छरों से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है और इसके वायरल संक्रमण का सीधा असर मस्तिष्क पर दिखाई देता है।

जिसके कारण मस्तिष्क में सूजन आने लगती है।जापानी इंसेफलाइटिस का बुखार होने पर बच्चे की सोचने, समझने और सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।इस बीमारी को जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है।ऐसे में जापानी इंसेफलाइटिस बुखार से बचने के लिए इस के लक्षण को पहचाना आवश्यक है।

जापानी बुखार के कारण शरीर में तेज बुखार के साथ उल्टी, शारीरिक कमजोरी, अचानक सिर में दर्द, शरीर और गर्दन में अकड़न, शरीर में सुस्ती, दौरे और विचलन की समस्या होने के साथ भूख में कमी होने जैसे लक्षण दिखाई देते है।जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव के लिए बारिश के मौसम में घर व आसपास की साफ—सफाई का खास ध्यान रखना आवश्यक है

ताकि मच्छरों का खतरा कम हों।मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव करें।डाइट में विटामिन—सी युक्त फलों व सब्जियों का सेवन अधिक करें।बच्चों में हल्का बुखार होने पर लापरवाही ना बरते और तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।

बच्चों को इस बीमारी के संक्रमण से दूर रखने के लिए शिशु को जापानी इंसेफलाइटिस का टीका अवश्य लगवाएं।साथ पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनाएं,जिससे मच्छरों के काटने का खतरा कम होगा और बच्चें जापानी बुखार के संक्रमण से दूर रहेंगे।

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