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Navratri kalash sthapana vidhi: कैसे होती हैं कलश स्थापना, जानिए विधि और मुहूर्त

 
Navratri kalash sthapana vidhi: कैसे होती हैं कलश स्थापना, जानिए विधि और मुहूर्त

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बहुत ही खास महत्व दिया जाता हैं नवरात्रि में कलश स्थापना विशेष मानी गई हैं कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहते हैं। नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना से की जाती हैं घट स्थापना शक्ति की देी मां दुर्गा के आह्वान हैं। तो आज हम आपको कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।नवरात्रि के पहले दिन सुबह स्नान कर लें मंदिर की साफ सफाई करने के बाद सबसे पहले श्री गणेश का नाम ले और फिर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योति जलाए। कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधे।अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगा जल की मिलाएं। फिर उसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी,इत्र और अक्षत डालें। इसके बाद कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं। एक नारियल लाल कपड़े में लपेटकर उसे मौली से बांध दें। फिर नारियल को कलश पर रखें।अब इस कलश को मिट्टी के उस पात्र पर बीचों बीच रख दें। जिसमें आपने जौ बोएं हैं कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प करें आप चाहें तो कलश स्थापना के साथ ही माता के नाम की अखंड ज्योति भी जला सकते हैं।

नवरात्रि का त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होगा, जो 17 अक्टूबर को पड़ रही हैं इस दिन सूर्य कन्या राशि में, चंद्रमा तुला राशि में विराजमान रहेंगे। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6 बजकर 23 मिनट से प्रात: 10 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

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