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महिलाओं में बढ़ता सवाईकल कैंसर का खतरा, इन बातों का ध्यान रखकर करें खुद का बचाव

 
महिलाओं में बढ़ता सवाईकल कैंसर का खतरा, इन बातों का ध्यान रखकर करें खुद का बचाव

पुरूषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।ऐसे में सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो कि महिला के गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर लिवर, फेफड़ों और किडनी तक को संक्रमित कर देती है।गर्भाश्य ग्रीवा सेल्स में सवाईकल कैंसर ह्यूमन पैपीलोमा वायरस के कारण उत्पन्न होता है।

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करना, एल्कोहल और सिगरेट का सेवन, ह्यूमन पैपीलोग वायरस का संक्रमण, कम उम्र में मां बनना या बार-बार गर्भवती होने के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण अधिक बढ़ जाता है।

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण के तौर पर पीरियड्स में अनियमितता और असामान्य रक्तस्राव के साथ व्हाइट डिस्चार्ज, लगातार यूरिन की समस्या, पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन, भूख कम लगना, शरीर में थकान बनी रहना और बुखार आने जैसी समस्या दिखाई देती है।सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट करवाना आवश्यक है, जिससे समय रहते इस बीमारी का पता लगा कर इलाज किया जा सकें।

इसके अलावा सवाईकल कैंसर की समस्या से बचने के लिए धूम्रपान और शराब जैसी आदतों को छोड़ना भी आवश्यक है।क्योंकि इनमें निकोटीन तत्व पाया जाता है, जो गर्भाशय की ग्रीवा में जमा होकर इस कैंसर सेल्स को बढ़ावा देने में मदद करता है।सवाईकल कैंसर की बीमारी से बचने के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए।

आप इस बीमारी से बचने के लिए एचपीवी का टीका अवश्य लगवाएं।शरीर का बढ़ता मोटापा कई रोगों का कारण बनता है।ऐसे में आप इस बीमारी से बचने के लिए प्रतिदिन योगासन और शारीरिक एक्सरसाइज को अपनी रूटीन में अवश्य शामिल करें।

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