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शनिदेव को करना है प्रसन्न तो करें हनुमान जी की पूजा, कष्ट होंगे दूर

 
शनिदेव को करना है प्रसन्न तो करें हनुमान जी की पूजा, कष्ट होंगे दूर

शनिदेव कर्म फल दाता कहे जाते हैं व्यक्ति जैसे कर्म करता हैं उसे शनिदेव वैसा ही फल प्रदान करते हैं मगर फिर भी शनि का नाम आते ही मनुष्य के मन में भय उत्पन्न हो जाता हैं शनि देव की वक्र दृष्टी से व्यक्ति डरता हैं शनिदेव न्याय के देवता हैं वे केवल बुरे कर्म करने वालों को ही दंड देते हैं

लोग शनिदेव की वक्री दृष्टी से बचने औरउनकी कृपा प्राप्त करने के लिए कई तरह के उपाय भी करते हैं मगर हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि महाराज प्रसन्न हो जाते हैं हनुमान भक्तों पर भी शनि अपनी कृपा करते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हनुमान जी की पूजा से शनिदेव को कैसे प्रसन्न किया जा सकता हैं तो आइए जानते हैं।

पौराणिक कथा के मुताबिक जब हनुमान जी माता सीता को ढूंढते हुए लंका पहुचें तो उन्होंने देखा कि रावण के कारागार में शनि कैद हैं जब हनुमान जी ने उनसे पूछा तो शनिदेव ने बताया कि रावण ने कई ग्रहों को कैद कर लिया हैं और उन्हें भी बंदी बना कर रखा हैं

तब हनुमान जी ने शनिदेव को रावण के बंदी गृह से मुक्त करवाया था। इससे प्रसन्न होकर शनि महराज ने वरदान दिया कि जो भी जातक हनुमान जी की पूजा करेगा उस पर हमेशा ही मेरी कृपा बनी रहेगी। इसलिए हनुमान जी की पूजा करने से शनि की कृपा भक्तों को प्राप्त होती हैं।

आपको बता दें कि लगातार दस ​शनिवार तक एक लोटे के पात्र में जल में सिंदूर मिलाकर सुबह के समय किसी मंदिर में जाकर हनुमान जी को अर्पित करना चाहिए और गुड़ का भोग लगाएं। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती हैं। शनि की वक्री दृष्टि से बचने के लिए हर शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए शनिवार के दिन हनुमान जी का मंत्र श्रीहनुमते नम: सुबह उठकर स्नानादि करके इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

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